राजस्थान पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ अपनी सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक को अंजाम दिया है। एजीटीएफ की विशेष टीम की सूचना पर नसीराबाद इलाके में पुलिस ने नाकाबंदी कर एक 16 चक्का ट्रक को जब्त किया, जिसमें 93.75 लाख रुपये कीमत का 625 किलो से अधिक डोडा चूरा और लगभग 3 लाख रुपये की 645 ग्राम अफीम बरामद की गई है।
*खुफिया इनपुट पर कार्रवाई*
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस दिनेश एमएन के निर्देशन, उपमहानिरीक्षक पुलिस दीपक भार्गव के सुपरविजन और एएसपी सिद्धांत शर्मा के नेतृत्व में एजीटीएफ की टीम जिसमें हेड कांस्टेबल महावीर सिंह और महेश सोमरा शामिल थे, को लंबे समय से मादक पदार्थ तस्करों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लगाया गया था।
इसी दौरान महावीर सिंह को सूचना मिली कि नोखा निवासी ट्रक ड्राइवर आईदान राम लगातार मध्य प्रदेश से भारी मात्रा में डोडा चूरा की तस्करी कर रहा है। जिसकी तकनीकी सहायता और खुफिया जानकारी के आधार पर पुष्टि हुई कि आरोपी तस्कर भारी खेप लेकर अजमेर के नसीराबाद इलाके में आने वाला है।
*24 घंटे में नाकाबंदी में दबोचा*
सूचना की पुष्टि होते ही नसीराबाद थाना पुलिस को अलर्ट किया गया और तुरंत नाकाबंदी कराई गई। पुलिस ने ट्रक को रुकवाकर उसकी तलाशी ली। ट्रक के अंदर 36 कट्टों में छिपाकर रखा गया 625 किलो 600 ग्राम अवैध डोडा चूरा बरामद हुआ। इसके अलावा ट्रक ड्राइवर के पास से 645 ग्राम अफीम भी जब्त की गई।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर आरोपी तस्कर आईदान राम जाट (47) पुत्र गंगाराम निवासी नोखा बीकानेर को गिरफ्तार कर लिया है। जब्त किए गए मादक पदार्थों की कुल कीमत बाजार में करीब 96 लाख रुपये बताई जा रही है।
गिरफ्तार आरोपी से पुलिस द्वारा अब इस अवैध कारोबार की फंडिंग, खरीद-फरोख्त और तस्करी में शामिल अन्य व्यक्तियों के बारे में गहनता से पूछताछ की जा रही है।
*एजीटीएफ का 7 महीनों का रिकॉर्ड: ₹15 करोड़ की तस्करी ध्वस्त*
यह उल्लेखनीय है कि एएसपी शर्मा के नेतृत्व में कार्यरत एजीटीएफ की यह टीम पिछले 7 महीनों में ही लगभग 15 करोड़ रुपये कीमत का 100 क्विंटल से अधिक डोडा चूरा तस्करों से बरामद कर चुकी है। इससे पहले टीम ने दौसा, चाकसू और नागौर जैसे क्षेत्रों में भी मादक पदार्थों की बड़ी खेप को सफलतापूर्वक पकड़ा है।
एएसपी शर्मा के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में एजीटीएफ के हेड कांस्टेबल महेश सोमरा और महावीर सिंह की विशेष भूमिका रही, वहीं एएसआई शंकर दयाल शर्मा का तकनीकी सहयोग रहा। इस टीम में शामिल एसआई प्रताप सिंह, हेड कांस्टेबल हेमन्त शर्मा और कांस्टेबल देवेन्द्र, जितेंद्र, गंगाराम, गोपाल धाभाई, विजय और चालक दिनेश शर्मा का भी सराहनीय सहयोग रहा। थाना नसीराबाद पुलिस के अलावा बीकानेर के नोखा में तैनात कांस्टेबल तेजाराम कि इस कार्रवाई में तकनीकी और विशेष भूमिका रही।
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