बारां पुलिस अधीक्षक अभिषेक अंदासु के नेतृत्व में चलाए गए विशेष अभियान को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने संगठित अपराधों में वांछित और ₹3000 के ईनामी अंतर्राज्यीय संगठित गिरोह के सरगना सूरज कुशवाह को मध्य प्रदेश के गुना से गिरफ्तार किया है। यह अपराधी जिला बारां के छबड़ा, नाहरगढ़ और कस्बा थाना क्षेत्रों में वाहन चोरी, ट्रेक्टर ट्रोली चोरी और अन्य संगठित अपराधों में सक्रिय था।
गिरफ्तार आरोपी सूरज कुशवाह पुत्र मोहनलाल कुशवाह (35) निवासी सावतखेड़ी, गुना (मध्य प्रदेश) है। एसपी अंदासु ने बताया कि सूरज कुशवाह एक सक्रिय संगठित गिरोह का संचालन करता था और अन्य व्यक्तियों को अपराध में शामिल कर संगठित अपराध को बढ़ावा देता था। आरोपी के खिलाफ अकेले मध्य प्रदेश के विभिन्न थानों में चोरी, नकबजनी, लूट और हत्या सहित डकैती जैसे संगीन अपराधों के 10 प्रकरण दर्ज हैं। बारां पुलिस को ट्रेक्टर चोरी के दो मामलों में इसकी तलाश थी।
*माँ-बेटे की कार से कुचलकर हत्या करने वाले 04 फरार मुख्य अभियुक्त गिरफ्तार*
बारां पुलिस ने एक दिल दहला देने वाले हत्याकांड के फरार चल रहे चार मुख्य अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक अंदासु ने बताया कि 18 सितंबर को भुलभुलैया चौराहे के आगे एन.एच-27 पर रोंग साइड आई कार से संजय मीणा (35) और उनकी माँ रुकमणी बाई को जानबूझकर कुचलकर मार डाला गया था।
*रंजिश की कहानी*
फरियादी की शिकायत से पता चला कि यह घटना रोड एक्सीडेंट नहीं, बल्कि एक सोची-समझी हत्या थी। मृतक परिवार और मुलजिम पुरुषोतम मीणा के परिवार के बीच जमीन विवाद को लेकर सालों से भयंकर रंजिश चल रही थी, जिसकी वजह से पूर्व में भी 10 से अधिक प्रकरण दर्ज हुए थे। 2019 में पुरुषोतम मीणा के भाई मुकुट की हत्या भी इसी रंजिश का परिणाम थी।

घटना के रोज संजय और रुकमणी बाई पूर्व के मामलों में गवाही देने के लिए अदालत जा रहे थे। इसी रंजिश के चलते पुरुषोतम मीणा, शिशुपाल मीणा, चन्द्रप्रकाश मीणा और चन्द्रमोहन मीणा ने षडयंत्र रचकर विनोद उर्फ मोनू मीणा, देशराज बैरवा, कमल उर्फ गोलू बैरवा और नीरज लश्करी को कार में भेजकर जानबूझकर टक्कर मारी। टक्कर के बाद अभियुक्तों ने कार को दो-तीन बार आगे-पीछे लेकर दोनों माँ-बेटे को कुचल दिया, जिससे मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश चौधरी और वृताधिकारी ओमेन्द्र सिंह शेखावत के सुपरविजन में 05 टीमों का गठन किया गया। पूर्व में चार आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके थे, जबकि हत्या को अंजाम देने वाले विनोद उर्फ मोनू मीणा, देशराज बैरवा, कमल उर्फ गोलू बैरवा, और नीरज लश्करी फरार चल रहे थे। जिला विशेष टीम को किशनगंज इलाके के जंगलों में इनके छिपे होने की सूचना मिली। थानाधिकारी कोतवाली योगेश चौहान और विशेष टीम के अथक प्रयासों से चारों मुख्य अभियुक्तों को रामगढ़ की तरफ जंगलों में से गिरफ्तार कर लिया गया।
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