जयपुर। आम आदमी पार्टी ने कहा कि राजस्थान में लगातार बढ़ रहे कफ सिरप से मासूम बच्चों की मौतों और ट्रॉमा सेंटर आगजनी जैसी गंभीर घटनाओं ने राज्य सरकार की संवेदनहीनता और कुप्रबंधन को पूरी तरह उजागर कर दिया है। पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार ने उन डॉक्टर को निलंबित कर दिया जो जिन्होंने पहले ही अपनी जिम्मेदारी समझते हुए चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर घटना घटने की सूचना दे दी थी और अपनी ड्यूटी निभा रहे थे और पीड़ितों की मदद में जुटे थे, जबकि असली दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह कदम साफ तौर पर दर्शाता है कि भजनलाल शर्मा सरकार न्याय के खिलाफ काम कर रही है और जनसेवक अधिकारियों को बलि का बकरा बनाकर अपनी नाकामियों को छिपा रही है।
प्रदेश प्रभारी धीरज टोकस ने कहा कि कफ सिरप से हुई मासूमों की मौतों पर सरकार द्वारा माता-पिता को ही जिम्मेदार ठहराना शर्मनाक और असंवेदनशील रवैया है, जो भजनलाल शर्मा सरकार की नाकामयाबी का जीता-जागता उदाहरण है। सरकार न तो जवाबदेही तय कर रही है, न ही पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की दिशा में कोई ठोस कदम उठा रही है।
इसी तरह ट्रॉमा सेंटर में लगी आग में जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया, वे जब न्याय की मांग लेकर आगे आए तो सरकार ने उनके परिजनों को हिरासत में लेकर अपनी गैर-जिम्मेदाराना और दमनकारी सोच का परिचय दिया। यह रवैया लोकतंत्र और जनसरोकारों के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।

पार्टी सहप्रभारी घनेंद्र भारद्वाज ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ सत्ता के नशे और दबाव में आकर अर्नगल बयानबाजी कर रहे हैं। उनकी बातों से साफ झलकता है कि भाजपा जनता की पीड़ा नहीं, बल्कि सत्ता की छवि बचाने में जुट हुए है।
आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि—
1. कफ सिरप कांड और ट्रॉमा सेंटर आगजनी दोनों घटनाओं की न्यायिक जांच करवाई जाए।
2. पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा और सरकारी सुरक्षा प्रदान की जाए।
3. निलंबित डॉक्टर को तुरंत बहाल किया जाए और असली जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो।
आम आदमी पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने इन घटनाओं पर जवाबदेही तय नहीं की, तो आम आदमी पार्टी सड़कों पर उतरकर जनता की आवाज बनेगी और न्याय की लड़ाई लड़ेगी।






