चित्तौड़गढ़ की जीआरपी थाना पुलिस ने मोबाइल चोरी के एक मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी को महाराष्ट्र के जलगांव से पकड़ लिया है। पुलिस ने चोरी हुआ मोबाइल भी बरामद कर लिया है। आरोपी पिछले एक महीने से फरार चल रहा था और जलगांव में एक केटरर्स के यहां नौकरी कर रहा था।
ट्रेन में सोते वक्त चोरी हुआ था मोबाइल
जीआरपी थानाधिकारी अनिल देवल ने बताया कि 17 सितंबर को चंदौली, उत्तर प्रदेश के रहने वाले और फिलहाल नीमच में रह रहे धीरज (18) पुत्र विजय बहादुर सिंह यादव चित्तौड़गढ़ से उदयपुर-रतलाम ट्रेन के जनरल कोच में सफर कर रहा था। यात्रा के दौरान ट्रेन में भीड़ कम हो गई तो उन्होंने अपना मोबाइल चार्ज पर लगाकर सो गया। जब निंबाहेड़ा स्टेशन पर उनकी आंख खुली, तो मोबाइल गायब था। फोन की कीमत करीब 16 हजार रुपए की बताई गई।

नीमच से जीरो एफआईआर पहुंची चित्तौड़गढ़ GRP थाना
जीआरपी थानाधिकारी देवल ने बताया कि धीरज ने इस मामले की रिपोर्ट नीमच जीआरपी थाने में दर्ज कराई। वहां से जीरो एफआईआर काटकर केस चित्तौड़गढ़ जीआरपी थाने भेजा गया। चित्तौड़गढ़ जीआरपी थानाधिकारी अनिल देवल ने इस मामले की जांच हेड कॉन्स्टेबल अनिल कुमार को सौंपी। जांच टीम ने ट्रेन और रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले, जिसमें एक संदिग्ध व्यक्ति नजर आया।
भीलवाड़ा का निकला मोबाइल चोर भैरूलाल वैष्णव
पुलिस ने फुटेज और मोबाइल की लोकेशन ट्रेस कर जांच की तो पता चला कि चोरी भीलवाड़ा जिले के रहने वाले भैरूलाल (37) पुत्र नारायण दास वैष्णव ने की थी। आरोपी की लोकेशन जलगांव, महाराष्ट्र में मिली, जहां वह पिछले एक महीने से एक केटरर्स के पास काम कर रहा था।
पुलिस टीम ने महाराष्ट्र में जाकर की गिरफ्तारी
चित्तौड़गढ़ जीआरपी की टीम तुरंत जलगांव पहुंची और वहां आरोपी भैरूलाल वैष्णव को पकड़ लिया। इसके बाद पुलिस उसे चित्तौड़गढ़ लेकर आई और गिरफ्तार किया गया। आरोपी के पास से चोरी किया गया मोबाइल भी बरामद हुआ।

पहले भी जेल जा चुका है आरोपी
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी भैरूलाल पहले भी चोरी के मामलों में जेल जा चुका है। साल 2023 में भी उस पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इस बार भी उसने ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को निशाना बनाया था।
ट्रैक के पास की वारदातों की भी जांच जारी
GRP पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी ने मोबाइल चोरी से पहले या बाद में रेलवे ट्रैक के आसपास किसी और चोरी की वारदात को अंजाम दे चुका है। उसी मामले में आगे की पूछताछ जारी है।
इस पूरी कार्रवाई में हेड कॉन्स्टेबल अनिल कुमार, कॉन्स्टेबल जावेद और रणजीत वर्मा की टीम शामिल रही।






