जैसलमेर में 14 अक्टूबर को हुए बस हादसे में 23वीं मौत हो गई है। आग में 35 प्रतिशत झुलसे महिपाल सिंह ने शनिवार को दम तोड़ दिया। महात्मा गांधी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉक्टर फतेह सिंह भाटी ने बताया- महिपाल सिंह का महात्मा गांधी अस्पताल में इलाज चल रहा था। वह रामदेवरा के एका का रहने वाला था। महिपाल सिंह की मौत के बाद हादसे में मृतकों की संख्या का आंकड़ा 23 पहुंच गया है।
दरअसल, सेकेंड ईयर का स्टूडेंट महिपाल सिंह (17) एयरफोर्स भर्ती की परीक्षा देने जैसलमेर गया था। 13 अक्टूबर को उसके पिता नगसिंह ने उसे सेंटर पर ड्रॉप किया था। अगले दिन आने का कहा था। वह अपने रिश्तेदार के यहां रुक गया और 14 अक्टूबर बस में बैठकर घरवालों को कॉल किया- ‘मुझे लेने मत आना। मैं बस में बैठ गया हूं।’ इसके कुछ ही देर बाद बस में आग लग गई थी।
इशारों में बताई थी घटना
महिपाल के चाचा विनोद सिंह ने भास्कर को बताया था कि महिपाल 35% झुलस गया था। डॉक्टर्स ने हालत क्रिटिकल बताई थी। सांस की नली में धुआं जाने से बोल नहीं पा रहा था। इशारे में ही बात कर रहा था। थोड़ा बहुत जो उसने बताया था। महिपाल ने बताया था कि उसकी सीट बस के बिल्कुल बीचों बीच थी। वह सीट पर बैठकर मोबाइल देख रहा था। कंडक्टर सबसे पिछली सीट पर बैठकर टिकट बना रहा था। अचानक धुआं भरने लगा था। कुछ ही सेकेंड में पूरी बस में धुआं फैल गया था।
कंडक्टर ने भागकर बस रुकवाने और दरवाजा खोलने की कोशिश की थी। जैसे-तैसे वह कांच तोड़कर बस से बाहर कूदा था। महिपाल भी कंडक्टर के पीछे-पीछे कूद पड़ा था।
पिता को फोन कर हादसे के बारे में बताया था
बस से बाहर कूदने के बाद महिपाल ने सबसे पहले अपने पिता को कॉल कर एक्सीडेंट के बारे में बताया था। इसके बाद उसका फोन बंद हो गया था। बस से बाहर निकलकर उसने अस्पताल ले जाने के लिए लोगों से मदद भी मांगी थी। मदद के बजाय लोग वीडियो बनाते रहे थे। उसका वीडियो काफी वायरल हुआ था। एम्बुलेंस भी वक्त पर नहीं आई थई। चाचा विनोद बताया कि हमारे मिलने वाले एक जानकार ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में महिपाल को पहचान कर हमें बताया तो पता चला था।
वीडियो में मदद मांग रहा था महिपाल
महिपाल को जो वीडियो सामने आया था उसमें जलती बस से बाहर निकलकर लोगों से मदद की गुहार लगाता दिख रहा था। मगर किसी ने उसकी मदद नहीं की थी। युवक बार-बार कह रहा था कि भाई किसी गाड़ी में बैठा दो। लेकिन वहां मौजूद लोग सिर्फ एक-दूसरे को देखकर जिम्मेदारी टालते रहते थे। कोई वीडियो बना रहा है, तो कोई बस की आग देख रहा था। इस दौरान एक कार ड्राइवर ने युवक को देख कार में बैठता लिया था। लेकिन जैसे ही वह सीट पर बैठा, ड्राइवर ने बाहर निकलने के लिए कह दिया था। इसके बाद महिपाल सड़क किनारे गिर गया था। इसके बाद एक बाइक सवार ने उसे जवाहिर हॉस्पिटल पहुंचाया था। यहां से जोधपुर रेफर किया गया था।






