एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में लगी आग को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने आज मौखिक टिप्पणी करते हुए सरकारी बिल्डिंगों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सवाल खड़े किए। जस्टिस महेन्द्र गोयल और जस्टिस अशोक जैन की अदालत आज झालावाड़ स्कूल हादसे को लेकर स्वप्रेरणा से दर्ज याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
सुनवाई के दौरान बैंच ने देर रात हुए ट्रोमा अग्निकांड को लेकर कहा कि सरकारी बिल्डिंगों में यह क्या हो रहा है। कहीं आग लग रही है, कहीं छत गिर रही है। अदालत ने कहा कि एसएमएस का ट्रोमा सेंटर तो नया बना है,वहां भी ऐसा हादसा हो गया।
हम मुख्य सचिव से स्पष्टीकरण मांगेंगे
आज सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जर्जर स्कूलों को लेकर किए गए काम की जानकारी कोर्ट में दी गई। लेकिन अदालत सरकार की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुआ। बैंच ने सरकार को निर्देश दिए कि वह जर्जर स्कूलों पर अभी तक खर्च की गई राशि, स्कूलों पर आगामी दिनों में खर्च होने वाले बजट और पूरी प्रक्रिया का रोडमैप पेश करे।
अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा- सरकार 9 अक्टूबर तक रोडमैप पेश करे। वरना हम मुख्य सचिव को स्पष्टीकरण के लिए बुलाएंगे।

झालावाड़ स्कूल हादसे में 7 बच्चों की मौत
करीब दो महीने पहले 25 जुलाई को झालावाड़ जिले के पिपलोदी स्कूल हादसे में 7 बच्चों की मौत हो गई थी। बच्चे सुबह क्लास रूम में बैठे हुए थे, तभी कमरे की छत गिर गई। इसमें क्लास में मौजूद 35 बच्चे दब गए थे।
घटना के बाद हाईकोर्ट के दो जजों ने मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया था। जिसे जनहित याचिका के तौर पर दर्ज करके हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा हैं।






