71वें विश्व वन्यजीव सप्ताह के अवसर पर जयपुर वन्यजीव चिड़ियाघर द्वारा राजधानी के चार प्रमुख स्थलों—नाहरगढ़ जैविक उद्यान, मुहाना वेटलैंड, हाथी गाँव और नाका झालना—में छात्रों के लिए शैक्षिक एवं जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य युवा पीढ़ी को वन्यजीव संरक्षण से जोड़ना और प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी की भावना को सुदृढ़ करना था।
नाहरगढ़ जैविक उद्यान में प्रेम पब्लिक स्कूल, न्यू केसरी विद्यापीठ, ब्राइट स्कॉलर स्कूल और विजनरी स्कूल के 103 विद्यार्थियों ने निबंध लेखन व चित्रकला प्रतियोगिता में प्रतिभा का प्रदर्शन किया। वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविन्द माथुर और स्टाफ ने संवादात्मक सत्र लिए तथा वन्यजीवों पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फ़िल्में भी दिखाई।
मुहाना वेटलैंड में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, मुहाना के विद्यार्थियों ने ‘रक्षा संस्थान’ के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में बर्ड वॉचिंग की और लगभग 38 प्रजातियों के पक्षियों का अवलोकन किया। इसके साथ ही विद्यार्थियों ने प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भी भाग लिया।
हाथी गाँव में डी.ए.वी. मोंटेसरी स्कूल व एनजीओ के सहयोग से बच्चों ने नेचर वॉक और ‘एनिमल केयर एंड अवेयरनेस’ गतिविधियों का अनुभव लिया। वहीं, नाका झालना में डी.ए.वी. स्कूल व सखी बाल निकेतन, कुण्डा बस्ती के बच्चों ने वन्यजीव चित्रकला और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं में उत्साहपूर्वक भागीदारी की।
रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर जितेन्द्र सिंह शेखावत ने बच्चों को वन एवं वन्यजीवों के संरक्षण की शपथ दिलाई और “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान से प्रेरित किया। कार्यक्रमों के सफल आयोजन में रेंज अधिकारी शुभम शर्मा, गौरव कुमार, श्रीमती अनु खजोतिया, श्रीमती अनीता चौधरी, सहायक वनपाल किशन मीणा, राजाराम तथा वन विभाग के अन्य स्टाफ और ‘रक्षा संस्थान’ की टीम का विशेष सहयोग रहा।
इन गतिविधियों ने न केवल बच्चों को पर्यावरणीय शिक्षा प्रदान की, बल्कि उनमें प्रकृति व वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता भी बढ़ाई।






