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किसानों को फसल खराबे के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार कटिबद्ध – कृषि मंत्री

कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल ने बुधवार को पंत कृषि भवन में किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की पॉलिसियों का वितरण कर खरीफ— 2025 की ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ अभियान के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

कृषि मंत्री ने कहा कि पूरे देश में खरीफ— 2025 की 8 करोड़ 71 लाख बीमा पॉलिसियां करवाई गई हैं, जिनमें से 2 करोड़ 16 लाख यानी लगभग 25 प्रतिशत पॉलिसियां राजस्थान की हैं।

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को बीमा के प्रति जागरुक करने के लिए पूरे प्रदेश में ग्राम पंचायत मुख्यालय पर शिविर लगाकर 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक घर-घर जाकर पॉलिसियों का वितरण किया जा रहा है एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा नवीन कृषि तकनीकों एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जो किसान इन शिविरों में पॉलिसी प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं, वे अपनी फसल बीमा पॉलिसी संबंधित कृषि पर्यवेक्षक एवं बीमा कंपनी के स्थानीय कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि फसल बुआई करने के बाद किसी कारण से फसल नहीं उग पाती है तो ऐसे किसान को बीमित राशि का 25 प्रतिशत मुआवजा दिया जा रहा है। बुआई से कटाई तक विभिन्न प्रकार की आपदाओं एवं फसल कटाई पश्चात् सुखाने के लिए खेत में पडी फसल में बेमौसम वर्षा, ओलावृष्टि, चक्रवात और चक्रवाती वर्षा जैसी प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान झेलना पड़ता है। इन आपदाओं से कृषकों को राहत प्रदान करने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वरदान साबित हो रही है। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा निरन्तर प्रचार-प्रसार और किसानों को समय पर बीमा क्लेम का भुगतान मिल जाने से इस योजना की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है।

डॉ. किरोडी लाल ने कहा कि किसानों को इन विकट परिस्थितियों में नुकसान होने पर सरकार द्वारा सहायता मिलने से आर्थिक मजबूती मिलती है, जिससे वे अपने परिवार का पालन पोषण अच्छी तरह से कर पाते हैं। पॉलिसी वितरण के दौरान किसान पाठशाला के माध्यम से योजनाओं का प्रचार-प्रसार सभी ग्राम पंचायतों में किया जाएगा। बीमा कंपनियों द्वारा राज्य के सभी ग्राम पंचायत स्तर पर शिविरों का आयोजन कर लगभग 32.10 लाख कृषकों को लगभग 2.16 करोड़ पॉलिसियों का वितरण किया जाएगा।

कृषि मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा में हुए नुकसान की आपदा प्रबंधन द्वारा गिरदावरी करके किसानों को नुकसान की भरपाई की जा रही है। कृषि विभाग किसानों की उपज की पैदावार में वृद्धि के हर संभव प्रयास कर रहा है। कृषक केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ लें जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो । दूर-दराज के क्षेत्र, जहां बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां किसान पीएम कुसुम कंपोनेन्ट बी योजना के तहत सोलर पंप लगवाकर अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं। जिसमें राज्य सरकार द्वारा 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कृषकों को खरीफ फसल के लिए 2 प्रतिशत, रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत और वाणिज्यिक व बागवानी फसलों के लिये 5 प्रतिशत प्रीमियम अदा करना पड़ता है। फसल बीमा सभी श्रेणी के कृषकों के लिए खरीफ— 2022 से स्वैच्छिक है लेकिन ऋणी कृषकों को योजना से पृथक होने के लिए योजना से जुड़ने के अन्तिम तिथि से सात दिन पूर्व लिखित में आवेदन किया जाना आवश्यक है।

बैठक में शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी राजन विशाल, आयुक्त कृषि एवं उद्यानिकी चिन्मयी गोपाल, अतिरिक्त निदेशक कृषि (आदान) गोपाल लाल जाट, अतिरिक्त निदेशक कृषि (विस्तार) एस. एस. शेखावत, अतिरिक्त निदेशक कृषि (अनुसंधान) अजय कुमार पचौरी, संयुक्त निदेशक कृषि (फसल बीमा) डॉ. जगदेव सिंह सहित विभागीय अधिकारी और कृषक उपस्थित रहे।

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Hind Raftar
Author: Hind Raftar

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