राज्य में क्राइम कंट्रोल, कानून व्यवस्था और आधुनिक तकनीकों को पुलिसिंग में व्यवस्थित करने को लेकर सोमवार को पुलिस मुख्यालय में बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता डीजीपी राजीव कुमार शर्मा ने की।
इसमें सभी रेंजों के आईजी, कमिश्नरेट के पुलिस आयुक्त, रेंज प्रभारियों और मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक सुबह 11:30 बजे शुरू हुई और देर शाम तक चली। जिसमें विभिन्न पुलिस कार्यकलापों, अपराध आंकड़ों और नीतिगत क्रियान्वयन की गहन समीक्षा की गई।
बैठक में डीजीपी शर्मा ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में लंबित मामलों का प्राथमिकता से निस्तारण करें। उन्होंने कहा कि केवल अपराध दर में कमी लाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि अनुसंधान की गुणवत्ता, पीड़ितों के प्रति संवेदनशीलता, और आमजन की समस्याओं का समयबद्ध समाधान भी पुलिस की जिम्मेदारी है।
इस दौरान रेंजवार अजमेर, बीकानेर, भरतपुर, जयपुर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर रेंज के साथ-साथ जयपुर और जोधपुर कमिश्नरेट की पुलिसिंग प्रगति की समीक्षा की गई। जिसमें अधिकारियों ने अपराध नियंत्रण के लिए अपनाई गई नई रणनीतियां, दर्ज मामलों की स्थिति और लंबित अनुसंधानों की रिपोर्ट डीजीपी को प्रस्तुत की।
एआई की मदद से किया जाएगा विश्लेषण बैठक के दूसरे सत्र में आधुनिक पुलिसिंग मानक प्रक्रियाओं और तकनीकी समावेशन पर विस्तार से चर्चा हुई। एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने स्मार्ट पुलिसिंग के प्रभाव पर बात की और बताया कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग दोषमुक्ति के फैसलों के विश्लेषण के लिए किया जाएगा ताकि अनुसंधान में रह जाने वाली कमियों का पता लगाया जा सके और इन कमियां को दूर करके अनुसंधान की गुणवत्ता बढ़ाई जा सके।
लेन ड्राइविंग सिस्टम की हुई प्रशंसा एडीजी ट्रैफिक लता मनोज ने राज्य में सड़क सुरक्षा और नवीन यातायात नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन पर प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों की कठोर पालना से दुर्घटनाओं और उससे होने वाली मौतों में कमी लाई जा सकती है। जयपुर रेंज आईजी राहुल प्रकाश ने लेन ड्राइविंग को लेकर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। जिसकी बैठक में प्रशंसा हुई।
साइबर अपराध और डिजिटल सुरक्षा समीक्षा बैठक में साइबर अपराध, नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन और राष्ट्रीय डेटा नेटवर्क से समन्वय पर भी विशेष चर्चा हुई। इस पर आईजी एससीआरबी अजय लांबा, आईजी सतर्कता प्रफुल्ल कुमार और डीआईजी साइबर अपराध विकास शर्मा ने प्रस्तुति दीं। बैठक के अंत में मुख्यालय में मौजूद डीजीपी स्तर के सभी अधिकारी और एडीजी ने अपने सुझाव साझा किए। उन्होंने तकनीक आधारित पुलिसिंग, प्रशिक्षण की निरंतरता और आमजन के साथ संवाद बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।






